July 20, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल की 50वीं बरसी पर उसके काले अध्याय को याद किया और कहा कि यह सिर्फ संविधान की हत्या नहीं थी, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का प्रयास था। उन्होंने उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अत्याचारों का सामना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।

प्रधानमंत्री ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने हाल के दिनों में देश में हुए सकारात्मक बदलावों, सांस्कृतिक पर्वों, सामाजिक सहभागिता, महिलाओं की प्रगति, पर्यावरण संरक्षण और भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए देशवासियों को गर्व और प्रेरणा का अनुभव कराया।

प्रधानमंत्री ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र की रक्षा में जुटे लोगों को याद किया। मोदी ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया। आप कल्पना कर सकते हैं कि वह दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने ऑडियो भी साझा किए, जिनमें उन्होंने उस दौर की भयावहता को स्पष्ट किया।

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का भी गला घोंट दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई-आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। मोदी ने कहा, “यह भारत की जनता का सामर्थ्य था कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया।”

25 जून को लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया गया। मोदी ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष कुछ दिन पहले ही पूरे हुए हैं। हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया है। हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डट कर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

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