
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की ऑनलाइन परीक्षा में कंप्यूटर से छेड़छाड़ के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पटना और दानापुर इलाके में ताबड़तोड़ छापेमारी की। मंगलवार को दूसरे दिन ईओयू की टीम ने आधा दर्जन स्थानों की तलाशी ली। इस दौरान किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है, लेकिन कुछ कुछ दस्तावेज जब्त किये गये हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। गौर हो कि इस मामले में ईओयू ने 37 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 36 आरोपितों को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। फिलहाल एक से पूछताछ जारी है।
गिरफ्तार आरोपितों में नौ परीक्षार्थी के अलावा परीक्षा सेंटर संचालक, आईटी मैनेजर समेत अन्य लोग शामिल हैं। अब इन सभी आरोपितों को बारी-बारी से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। चुनिंदा कंप्यूटरों में इंस्टॉल कियागया था खास सॉफ्टवेयरः ईओयू की अब तक की जांच में यह बात स्पष्ट हो गई है कि ऑनलाइन परीक्षा में धांधली के लिए ई ओयू सभी ऑनलाइन केंद्रों की करेगा पड़ताल इस पूरे प्रकरण में ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की मिलीभगत सामने आई है। इसके मद्देनजर ईओयू अब सभी केंद्रों की कुंडली तैयार करने में जुट गई है। इससे इन केंद्रों से जुड़े लोगों और संचालकों की पूरी जानकारी जुटाई सके, ताकि यह पता चल सके कि इन केंद्रों में कौन-कौन सी परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित होती हैं। इनमें किस स्तर की धांधली बरती जाती है। इस तरह की सेटिंग करने वाला कौन सा गिरोह है। केंद्र संचालकों की भमिका किस स्तर की है, इसकी अलग से पड़ताल की जाएगी। इनके सुनियोजित षड्यंत्र के तहत चुनिंदा कंप्यूटरों पर खास सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया था। चुनिंदा परीक्षा केंद्रों पर प्रॉक्सी सर्वर तक पाया गया। इसकी मदद से दूर बैठे सॉल्वर प्रश्नों को रियल टाइम में हल करते हैं, जबकि परीक्षा कक्ष बैठा अभ्यर्थी अपनी बॉयोमेट्रिक हाजि बनाकर सिर्फ समय काटता है।
संचालकों का बैकग्राउंड क्या रहा है। पहले वे क्या करते थे समेत अन्य बातों की भी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि इनके संबंध कभी किसी सेटिंग गैंग से रहे हैं या नहीं। इस तरह की परीक्षा के लिए सॉल्वर गैंग अलग-अलग होते हैं, इन सभी की पहचान की जा रही है। ऑनलाइन परीक्षा में धांधली के पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए इसकी सघन जांच की जा रही है। इस जांच से यह भी खुलासा हो जाएगा कि पिछली किन-किन परीक्षाओं में भी इस तरह की धांधली बरती गई थी।