
जम्मू-कश्मीर के नौशहरा सेक्टर में बलिदान हुए हवलदार संतोष यादव की अंतिम यात्रा में गुरुवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस्माइलपुर गांव में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके चार वर्षीय पुत्र लक्ष्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। तीनों बेटियों ने बलिदानी पिता को सलामी देकर अंतिम विदाई दी। यह दृश्य देखकर पूरा माहौल गमगीन हो गया। रास्ते में ग्रामीणों ने छतों से फूल बरसाए और ‘भारत माता की जय’, ‘संतोष यादव अमर रहें’ के नारे लगाए।
इससे पूर्व सेना के एक जवान की ओर से जब बलिदानी की बड़ी बेटी दीक्षा को पिता की वर्दी सौंपी गई तो वह उस जवान से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी। नवगछिया जीरोमाइल से सुबह पांच बजे हवलदार संतोष की अंतिम यात्रा शुरू हुई। वह लक्ष्मीपुर चौक होते हुए इस्माइलपुर गांव तक पहुंची। उसमें बड़ी संख्या में लोग पैदल, बाइक व चारपहिया पर शामिल थे। करीब 12:46 बजे आठ जवानों ने 34 राउंड फायर कर बलिदानी को अंतिम सलामी दी।
अंतिम संस्कार के समय भागलपुर के डीएम डा. नवल किशोर चौधरी, नवगछिया एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह, एसपी प्रेरणा कुमार समेत प्रशासन और सेना केअधिकारी उपस्थित रहे। दोपहर एक बजे संतोष यादव के बेटे लक्ष्य ने पिता को मुखाग्नि दी। शवयात्रा के दौरान लक्ष्मीपुर मुस्लिम टोला के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने तिरंगा हाथ में लेकर मानव श्रृंखला बनाई। नारायणपुर नया टोला के छात्रों ने भी भारत माता का जयघोष किया। युवाओं ने पाकिस्तानी झंडे का प्रतीकात्मक चित्र बनाकर आक्रोश जताया।