
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता द्वारा त्वचा में रंग बनाने वालीं कोशिकाओं यानी मेलानोसाइट्स पर हमला करने से होने वाले सफेद दाग का इलाज अब सहज ढंग से किया जाना संभव होगा। एम्स पटना के त्वचा विज्ञान विभाग में इसके उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरण फोटोथेरेपी यूनिट व एडवांस विटिलिगो सर्जरी की सुविधा शुरू हो गई है। मंगलवार को कार्यकारी निदेशक सह सीईओ प्रो. डा. सौरभ वाष्र्णेय ने इनका उद्घाटन किया।
इसके साथ अन्य चर्म रोगों के उपचार में उपयोगी क्रायोथेरेपी व आयनोफोरेसिस मशीनों का भी उद्घाटन किया गया। उन्होंने उन्नत रोगी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर स्थापित करने के लिए विभागाध्यक्ष डा. स्वेतलिना प्रधान को बधाई दी। मौके पर चिकित्साधीक्षक डा. अनूप कुमार, डीन एकेडमिक, डीन स्टूडेंट्स अफेयर्स व उप निदेशक उपस्थित थे।प्रधान ने बताया कि फोटोथेरेपी में अल्ट्रावायलेट बी, नैरो बैंड आदि के उपयोग से न केवल विटिलिगो यानी सफेद दाग की जगह पर रंग वापसी बल्कि सोरायसिस, आटोइम्यून रोग के कारण सिर, दाढ़ी-मूंछ आदि के बाल गायब होकर चकत्ते बनने यानी एलोपेसिया एरीटा एवं सफेद रक्त कणिकाओं में अप्रत्याशित वृद्धि से होने वाले दुर्लभ कैंसर टी-सेल लिंफोमा में भी उपयोगी है।
दवाओं व फोटोथेरेपी से सफेद दाग कम नहीं होने पर एडवांस विटिलिगो सर्जरी यूनिट में सफेद दाग के ऊपर त्वचा प्रत्यारोपण, स्वस्थ त्वचा से रंग बनाने वालीं मेलानोसाइट्स को निकाल कर प्रभावित जगहों पर प्रत्यारोपित करने, त्वचा के रंग से मेल खाने वाली स्याही से माइक्रो पिगमेंटशन आदि किया जाता है। वहीं, क्रायोथेरेपी में अत्यधिक ठंडे माइनस 196 डिग्री के नाइट्रोजन या कार्बन डाइ आक्साइड को स्प्रे कर या लगाकर त्वचा की असामान्य कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। ठंड के कारण त्वचा की ऊपरी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। मस्से, कैंसर पूर्व के घाव, त्वचा के दाग-धब्बे, शुरुआती दौर में त्वचा कैंसर में यह उपयोगी है।