
राजेंद्रनगर नेत्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों को ना तो सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा मिल रही है और ना ही दवा। दवा के लिए यहां के मरीज निजी दवा दुकानों पर ही आश्रित हैं। ओपीडी मरीजों को दुकान से दवा नहीं मिल रही है। पटना के एक अन्य सरकारी डायबिटीज के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में मरीजों को अस्पताल से ही निःशुल्क दवा मिलती है। अस्पताल के वरीय चिकित्सक ने बताया कि दवाओं का रेट कॉन्ट्रेक्ट नहीं होने और आवश्यक दवाओं की सूची में आंखों की दवाओं को शामिल न करने से अस्पताल को दवा नहीं मिल रही है।
रेट कॉन्ट्रेक्ट नहीं होने से दवाओं की खरीद भी अपने स्तर पर नहीं हो पा रही है। इसके लिए कई बार स्वास्थ्य विभाग से बात की गई। अस्पताल के प्रभारी निदेशक ने दो- दो बार बीएमएसआईसीएल को आवश्यक दवाओं की सूची में दवाओं को शामिल करने के लिए पत्र भी भेजा है, लेकिन वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ना ही दवाओं को इस सूची में शामिल किया गया है। एक दिन पहले सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए दवा की उपलब्धता के मामले में एक एजेंसी ने बिहार को पहला स्थान दिया गया है। लेकिन राजधानी में स्थित इस अस्पताल में ही मरीजों को दवा नहीं मिलना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।