
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार की सुन सुबह देकर घोटाले से जुड़े एक चामले में भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी एस के साथ ही पुल निर्माण, बिहार शाहारी विकास आधारभूत संरचना निगम के इंजीनियर और बिहार प्रशासनिक सेवा (बिएसे) के कुछ अधिकारियों के रिकामे समेत कुल आठ स्थानों पर एकसाथ सापेमारी की। समाचार हिलो आने तक हंडी ने अपनी जांच में लीग करोड़ रुपये कसे अधिक की नकदी बरामद की है। इसके अलावा कई आलम एस्तावेज, डिजिटल उपकरण के साथ ही जमीन में निवेश के कागजात भी बरामद हुए है। शापेमापी जानी है। हालांकि इस संबंध में एंडी आधिकाएक और पर युवा भी बोलने से बच रही है। यह भो पाचां है कि इंडी की या कारवाई ऐलग-अलग मामले में हुई है।
इंडी को खुफिया रूप से मिली थी गड़बड़ी की सूचना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को खुफिया जानकारी ग्राप्त हुई थी कि बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में टेंडर मामले में बड़ी गड़बड़ हो रही है। टेंडर से जुड़े मामलों को निपटाने और किसी विशेष के पक्ष में करने के लिए मोटी रकम का लेनदेन हो रहा है। सूचना मिलने के बाद इंडो ने सूचना को सत्यता को जांच कराई। पुष्टि होने के बाद इंडी ने सबसे पहले मनी समेत आठ अधिकारी रहे प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर लांड्रिंग मामले में मुकदमा दर्ज किया और इसके बाद गुरुवार की सुबह-सुबह फुलवारी शरीफ के पूर्णेन्दु नगर स्थित भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास के यहां छापा मारा।
ईडी की टीम सुबह साढ़े छह बजे के करीब ही दास के आवास पर पहुंच गई थी। यहां टेंडर से जुड़े कुछ दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, विभिन्न बैंकों के पासबुक, जमीन में निवेश के दस्तावेज भी बरामद किए गए। इसी क्रम में ईडी की टीम ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए दूसरे कई विभागों के इंजीनियर और बिहार प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के यहां भी छापा मारा। छापेमारी के दौरान समाचार लिखे जाने तक तीन करोड़ से अधिक नकद मिलने की बात सामने आई है। इतनी बड़ी संख्या में नकद मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय को नोट गिनने की मशीनें मंगवानी पड़ी। फिलहाल जांच जारी है। जारी जांच के बीच निदेशालय के अधिकारी मीडिया से बात करने से बच रहे हैं। उनका दावा है कि बड़ा मामला है जांच पूरी हुए बगैर कुछ भी बोलना संभव नहीं है। चर्चा यह भी है कि संजीव हंस मामले की जांच के क्रम में ही ईडी को भवन निर्माण, नगर विकास एवं आवास विभाग, बुडको में टेंडर घोटाले में गड़बड़ी के प्रमाण मिले थे। हालांकि, इसमें कितनी सत्यता है इसकी पुष्टि प्रवर्तन निदेशालय की आधिकारिक जानकारी सामने आने पर हो सकेगी। अक्टूबर में सेवानिवृत्ति के बाद तारिणी दास का दोबारा हुआ संविदा पर नियोजन भवन निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को सेवानिवृत हुए थे। सेवानिवृत्ति के कुछ दिनों के बाद ही संविदा पर उन्हें नियोजित कर लिया गया था। नियोजित करने के बाद उन्हें मुख्य महाप्रबंधक का अतिरिक्त पद दिया गया। भवन निर्माण विभाग के सूत्रों वर्ष के अनुसार दास का नियोजन दो के लिए किया गया था। जिसकी अधिसूचना 29 नवंबर, 2024 को जारी की गई थी। नियोजन के प्रस्ताव को 19 नवंबर को राज्य मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी थी। जिसके बाद उन्हें मुख्य अभियंता (उत्तर) के पद पर नियोजित तो किया ही के गया, साथ ही भवन निर्माण निगम मुख्य महाप्रबंधक का अतिरिक्त पद दिया गया। 11 दिसंबर, 2024 को संयुक्त सचिव रमेंद्र कुमार के हस्ताक्षर से यह अधिसूचना जारी की गई थी।