टाटा स्टील की ओर से गोपाल मैदान आयोजित पांच दिवसीय ट्राइबल कॉन्क्लेव ‘संवाद’ के तीसरे दिन के कार्यक्रम में देश की असली ताकत देखने को मिली जो समुदायों की विविधता, विरासत व सहयोग की भावना में नीहित है. तीसरा दिन आदिवासी सहयोग, सामुदायिक नेतृत्व और सांस्कृतिक विविधता के अनूठे संगम के रूप में यागदार बना रहेगा. संवाद में देश के अलग-अलग राज्यों से आए जनजातीय समुदायों ने कला, शासन, भोजन और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर गहन विचार-विमर्श किया।
शाम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में गारो, कुकी और कंधन जनजातियों की आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से जीवंत रहा. खासी हिल्स के समरसाल्ट बैंड की धुनों पर दर्शक थिरकने को मजबूर हो गए. वहीं गरिमा एक्का व अर्जुन लाकड़ा के भावपूर्ण नृत्य-संगीत ने वातावरण को ऊर्जा व उत्साह से भर दिया. शहारवासियों ने देर शाम तक अपने-अपने परिवार के साथ कार्यक्रम का आनंद लिया। टाटा स्टी की ओर से आयोजित किए जा रहे ‘संवाद’ में सोमवार की सुबह की शुरुआत कला और हस्तशिल्प पर केन्द्रित चिंतन सत्रों से हुई, जहां इस व्यवसाय की बारीकियों और पारंपरिक कौशल को संरक्षित रखने पर चर्चा हुई।
ट्राइबल हीलिंग प्रैक्टिसेस सत्र में प्रतिभागियों ने पीढय़िों से चली आ रही निदान पद्धतियों और उपचार की परंपराओं पर अपने अनुभव साझा किए. वहीं अखरा में स्वदेशी सामाजिक शासन प्रणालियों और मुख्यधारा के विकास लक्ष्यों के अनुरूप उनकी प्रासंगिकता पर विमर्श हुआ. समुदाय के साथ संवाद कार्यक्रम में ऐसी प्रेरक कहानियां सामने आईं, जिन्होंने नवोदित फिल्म निर्माताओं को नई सोच और रचनात्मकता की दिशा में प्रेरित किया।
