
माघी पूर्णिमा के दिन बुधवार को पटना जंक्शन दिनभर यात्रियों से खचाखच भरा रहा। स्टेशन पर कुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ तो मंगलवार रात से ही जमा थी। पटना से प्रयागराज होकर जाने वाली अधिसंख्य ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं थी। आरक्षित बोगियों का तो कोई मतलब ही नहीं रह गया था। जिस यात्री को जिस कोच में घुसने को मिला वह उसमें घुस गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर-हर महादेव की जय-जयकार करते हुए ट्रेनों में घुस गए। सामान्य कोचों में तो आलम यह था कि दरवाजे से आगे बढ़ने की जगह ही नहीं थी। बहुत से यात्री ठंडी हवाओं के बीच दरवाजे पर खड़े होकर गए। मगध, संपूर्ण क्रांति जैसी कई महत्वपूर्ण ट्रेनों में किसी बोगी में पैर रखने की जगह नहीं थी। वहीं जो लोग कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा सके, उनमें से बहुत से लोग राज्य के कोने-कोने से गंगा स्नान के लिए पटना आए थे। मंगलवार रात से ही पटना जंक्शन समेत अन्य स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी।