
भारत के अग्रणी कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड सैमसंग ने अपनी प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (सीएसआर) पहल ‘सॉल्व फॉर टूमॉरो’ के चौथे संस्करण की शुरुआत कर दी है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य देशभर के युवाओं को प्रौद्योगिकी के ज़रिए सामाजिक चुनौतियों का हल खोजने के लिए प्रेरित करना है। 14 से 22 वर्ष के छात्रों के लिए खुली इस प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तिथि 30 जून 2025 रखी गई है। चुनी गई टॉप चार टीमों को उनके नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी दिल्ली में इंक्यूबेशन सपोर्ट के साथ कुल एक करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, टॉप 40 टीमों को 8 लाख और टॉप 20 टीमों को 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। प्रतिभागियों को 82,000 घंटे का विशेष प्रशिक्षण और मेंटरशिप भी दी जाएगी। इस साल के प्रतिभागियों को चार महत्वपूर्ण थीमों पर समाधान बनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है: अधिक सुरक्षित, स्मार्ट एवं समावेशी भारत के लिये एआई; भारत में स्वास्थ्य, आरोग्य तथा तंदुरुस्ती का भविष्य; शिक्षा और बेहतर भविष्य के लिये खेलों तथा तकनीकी के माध्यम से सामाजिक बदलाव; और टेक्नोलॉजी के जरिये पर्यावरण की स्थिरता।
सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के प्रेसिडेंट और सीईओ जेबी पार्क ने कहा, “‘सॉल्व फॉर टूमॉरो’ के ज़रिए हम भारत के हर कोने के युवा इनोवेटर्स को बड़े सपने देखने, असल ज़िंदगी की चुनौतियों से निपटने और तकनीक के ज़रिए एक स्मार्ट और समावेशी भविष्य गढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस साल की प्रतियोगिता और भी बड़ी और व्यापक होगी। हम ज़्यादा शहरों में पहुंच रहे हैं, ज़्यादा स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को जोड़ रहे हैं और उन्हें डिज़ाइन थिंकिंग के सिद्धांतों पर आधारित नवाचार का अवसर दे रहे हैं। यह पहल भारत सरकार की अग्रणी #DigitalIndia योजना के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो युवाओं को भविष्य का निर्माणकर्ता बनने के लिए सशक्त करती है।”
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बेनर्जी ने कहा, “आईआईटी दिल्ली को युवाओं के बीच नवाचार, उद्यमिता और व्यावहारिक समस्याओं के समाधान की क्षमता को बढ़ावा देने में गर्व महसूस होता है। सैमसंग ‘सॉल्व फॉर टूमॉरो’ के साथ हमारी साझेदारी के ज़रिए हम युवा प्रतिभाओं को मेंटरशिप, शोध के लिए अत्याधुनिक संसाधन और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं, ताकि वे अपने विचारों को ऐसे उत्पादों में बदल सकें जो समाज पर सकारात्मक असर डालें। हमें इस पहल का हिस्सा बनकर खुशी है, जो सामाजिक रूप से जागरूक नवाचार को बढ़ावा देती है और ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अहम योगदान करती है।”
भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा, “भारत के युवा इनोवेटर्स 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने की दिशा में सबसे बड़ी ताकत हैं। दुनिया में सबसे अधिक युवा प्रतिभाओं के साथ, भारत उन विचारों के ज़रिए नेतृत्व करने की विशेष स्थिति में है जो न सिर्फ स्थानीय समस्याओं का समाधान देते हैं, बल्कि वैश्विक बदलाव की प्रेरणा भी बनते हैं। सैमसंग की ‘सॉल्व फॉर टूमॉरो’ जैसी पहलें युवाओं को तकनीक की मदद से अपने विचारों को वैश्विक भलाई के लिए व्यावहारिक समाधानों में बदलने का मंच देती हैं। संयुक्त राष्ट्र भारत में ऐसे सार्वजनिक-निजी सहयोगों को समर्थन देने पर गर्व महसूस करता है, जो युवाओं की नेतृत्व क्षमता, नवाचार और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देते हैं—इस विश्वास के साथ कि विकास की इस यात्रा में कोई पीछे न रह जाए।”