November 25, 2024

विशनगंज भाल्दा से सिलीगुड़ी जा रही 07519 डीएमयू के इंजन में अचानक लग गई। इससे पूरे ट्रेन में अफरातफरी मच गई। घटना रविवार 12 बजे कौ है। ट्रेन किशनगंज स्टेशन से निकलकर सिलीगुड़ी की ओर जा ही रही थी। डेढ़ किलोमीटर आगे तेवरिया रेलवे फाटक के समीप पिलर संख्या 58/2 के ट्रेन को रोका गया, जहां देखा कि ट्रेन के इंजन के ऊपर से आग निकल रही थी। इसके बाद लोको पायलट ट्रेन से उतर गए। इसकी जानकारी जैसे ही लोगों व पास के एसएसबी के 12वीं बटालियन को मिली तो यात्रियों को जवानों ने इसकी जानकारी देकर उतारा। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।

12वीं बटालियन के कमांडेंट बलजीत के नेतृत्व में टीम ने अग्निशमन यंत्र लाकर तत्काल आग की लपटों को कम किया, लेकिन धुआं तेज निकलने के कारण आसपास के लोगों को घटना की जानकारी हुई। लोगों की भारी भीड़ जुट गई। इसके बाद मौके पर एसएसबी के अलावा, आरपीएफ, जीआरपी, टाउन थाना पुलिस, आएएएस प्रद्युम्न यादव, एसडीएम लतीपुर रहमान, एसडीपीओ गौतम कुमार सहित स्टेशन मास्टर दीपक कुमार सहित अन्य रेलवे के अधिकारी व कमी मौके पर पहुंचे।

घटना के कारण तेधरिया रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर क्रूड ऑयल की एक गाड़ी रेलवेलाइन पर कुछ देर तक रुकी रही। डेढ़ घंटे बाद करीब डेढ़ बजे सिलीगुड़ी कटिहार रेललाइन पर परिचालन शुरू हो गया। जब घटना घटी तो वहां से मुख्य मार्ग में आने का रास्ता दोनों ओर से बंद था। ट्रेन में करीब 400 से ज्यादा यात्री सवार थे, जो मालदा से किशनगंज के रास्ते एनजीपी जाने के लिए सवारी कर रहे थे। किशनगंज स्टेशन से भी कई यात्री छुट्टी के दिनों परिवार के साथ घूमने के लिए ट्रेन में सेका हो रहे थे, तब तक घटना घट गई। इसके कारण देन से पैदल कास्नन कड़ी धूप में पटरी के रास्ते वापस तेरिया फाटक पहुंचे थे। इसमें महिलाएं व मुजुर्ग को विशेष परेशानी हुई।

स्टेशन प्रबंधक दीपक कुमार ने कहा कि इंजन से धुंआ लिखने के बहुत से कारण हो सकते हैं। फिलहाल सिलीगुड़ी स्थित डीएमयू शेड में जांच जारी है। डीएमयू के पिछले इंजन को एमपी कंडीशन में स्कॉर्ट कर सिलीगुडी से आई टीम अपने साथ ले गई। लगभग डेढ़ घंटे तक दोनों ओर से रेल परिचालन बाधित रहा। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मदन कुमार ने कहा कि चार यूनिट फायर ब्रिगेड की टीम एवं एक भूतिर एसएसबी की फायर टीम इंजन में लगी आग को बुझाने में जुट गई थी। उन्होंने कहा कि इंजन पर पानी डालने से पहले दोनों ओर से गुजरने वाली इलेक्ट्रिक करेंट को रोकना जरूरी था। उसे काटने में ही सम्मय लगा। इसके बाद आग पर काबू पा लिया गया।

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