सीएसआईआर-एनएमएल में ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. कार्र्यक्रम की शुरूआत एनएमएल के निदेशक डा. संदीप घोष चौधरी ने किया. उन्होंने ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ के महत्व व भारत सरकार के जनजातीय विरासत के संरक्षण व संवद्र्धन के लिए उठाए गए कदम पर प्रकाश डला।
इसके बाद अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के अधिकारी डॉ. मनोज हुमने, प्रमुख, वैज्ञानिक, एनएमएल ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के प्रो. संजीव कुमार बिरुली ने संविधान के परिप्रेक्ष्य में विकसित भारत के निर्माण की आवश्यकता व नागरिकों के मूल कर्तव्यों की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने विशेष रूप से वैज्ञानिक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मूल कर्तव्य केवल संवैधानिक अपेक्षा नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान में नैतिकता, नवाचार, सत्यनिष्ठा और सामाजिक संवेदनशीलता की आधारशिला भी हैं। कार्यकम में धन्यवाद ज्ञापन प्रशासक नियंत्रक जयशंकर शरण ने किया. इस मौके पर एनएमएल के कई वैज्ञानिक मौजूद थे।
