
अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना क्षेत्रीय कार्यालय ने 2.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। कुर्क की गयी संपत्तियों में जमीन के प्लॉट व फ्लैट के साथ ही 15.75 लाख रुपये की एफडी शामिल है। यह संपत्तियां सागर यादव व अन्य अभियुक्तों ने फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से साइबर ठगी कर अर्जित की थी। अचल संपत्तियों की खरीदारी आरोपी की कोलकाता स्थित दो कंपनियां मेसर्स स्क्रैपिक्स कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स
कैसानोवस रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हुई थी। ईडी पटना क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में आयरिश नागरिक कार्मेल फॉक्स के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी की सूचना के आधार पर जांच शुरू की गयी थी। ईडी को यह सूचना सीबीआई के माध्यम से प्राप्त हुई थी। अप्रैल 2023 में ईडी ने इस मामले में एक ईसीआईआर दर्ज करके जांच शुरू की। चूंकि अपराध विदेश में किया गया था और अपराध की आय (पीओसी) भारत में स्थानांतरित की गयी थी, इसलिए इस मामले में पीएमएलए के तहत कार्रवाई शुरू हुई।
ईडी की जांच से पता चला कि व्यक्तियों का एक समूह फर्जी कॉल सेंटर स्थापित करके विदेशी नागरिकों पर साइबर धोखाधड़ी का कृत्य कर रहा था। मामले में ईडी ने सागर यादव सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर उनकी संस्थाओं व अन्य सहयोगियों के की। जांच से पता चला कि दोनों खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज कंपनियों के नाम पर दो अचल संपत्तिर्या खरीदी गई, जिनका विक्रय मूल्य अपराध से हुई आय से चुकाया गया। इन अचल संपत्तियों की कीमत लगभग ₹2.67 करोड़ है। वहीं, लगभग ₹15.75 लाख मूल्य की चल संपत्ती (एफडी) भी कुर्क की गयी है।