
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, जनवरी 2025 में भारत का माल और सेवाओं दोनों का कुल निर्यात 74.97 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है, जो जनवरी 2024 की तुलना में 9.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जनवरी 2025 के दौरान देश का माल निर्यात 36.43 बिलियन डॉलर रहा, जबकि जनवरी 2024 में यह 37.32 बिलियन डॉलर था। हालांकि, जनवरी 2025 में गैर-पेट्रोलियम माल निर्यात 32.86 बिलियन डॉलर रहा, जो जनवरी 2024 में 28.71 बिलियन डॉलर की तुलना में 14.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जनवरी 2025 में माल निर्यात वृद्धि के प्रमुख चालकों में इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग सामान, दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स, चावल और रत्न एवं आभूषण शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात जनवरी 2024 में 2.29 बिलियन डॉलर से बढ़कर जनवरी 2025 में 4.11 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि इंजीनियरिंग सामान का निर्यात 7.44 प्रतिशत बढ़कर 8.77 बिलियन डॉलर से 9.42 बिलियन डॉलर हो गया। जनवरी 2024 में ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स निर्यात 21.46 प्रतिशत बढ़कर 2.13 बिलियन डॉलर से जनवरी 2025 में 2.59 बिलियन डॉलर हो गया। चावल का निर्यात जनवरी 2024 में 0.95 बिलियन डॉलर से 44.61 प्रतिशत बढ़कर जनवरी 2025 में 1.37 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि रत्न और आभूषण निर्यात जनवरी 2024 में 2.59 बिलियन डॉलर से 15.95 प्रतिशत बढ़कर जनवरी 2025 में 3 बिलियन डॉलर हो गया। जनवरी 2025 के लिए देश के सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य जनवरी 2024 में 31.01 बिलियन डॉलर की तुलना में 38.55 बिलियन डॉलर है। जनवरी 2025 के लिए देश का कुल आयात (माल और सेवाएँ संयुक्त) 77.64 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो जनवरी की तुलना में 12.98 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज करता है। अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान भारत का कुल निर्यात (माल और सेवाएँ) 682.59 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 7.21 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान कुल आयात 770.06 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 8.96 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान माल निर्यात का संचयी मूल्य 358.91 बिलियन डॉलर था, जबकि अप्रैल-जनवरी 2023-24 के दौरान यह 353.97 बिलियन डॉलर था, जो 1.39 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान देश का माल व्यापार घाटा 242.99 बिलियन डॉलर रहा, जबकि अप्रैल-जनवरी 2023-24 के दौरान यह 206.29 बिलियन डॉलर था।