बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और हिंसक वारदातों पर स्वामी रामदेव ने कहा कि बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाइयों पर किसी भी प्रकार की कोई क्रूरता, अत्याचार, जुल्म, ज़्यादती ना हो, तथा वहां पर हिंदू मंदिरों से कोई छेड़छाड़ ना हो, इसके लिए पूरे देश को एकजुट रहना होगा।
उन्होंने कहा कि पहली बार मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि इस मामले में पूरा विपक्ष सरकार के साथ है और यही भारत की नीति होनी चाहिए। अन्यथा जिस तरह से पूरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरवाद बढ़ रहा है और भारत के पड़ोस में जिस तरह से उसने दस्तक दे दी है, वह देश के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। यह एकजुटता हमारी आगे भी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में कोई आरक्षण के नाम पर, कोई जाति के नाम पर कोई अलग-अलग प्रकार के मज़हबी उन्माद के नाम पर देश को बांटना चाहता है, यह ठीक नहीं है। इसलिए हमारी भारत की राजनीति मुद्दों पर केंद्रित हो। उसमें जाति, संविधान, आरक्षण, अलग-अलग प्रकार के मजहबी उन्माद, जाति उन्माद, भाषाई उन्माद, तमाम तरह के प्रांतीय उन्माद, इन सब उन्मादों से परे केवल विकास के आधार पर और दौ हज़ार सैंतालीस (2047) तक भारत को विश्व की आर्थिक, सामरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक महाशक्ति हम कैसे बनाएं। इसपर यदि पूरा देश एकजुट होकर आगे बढ़ेगा, तभी हम अपने पड़ोसियों के साथ में भी ताकत से खड़े हो पाएंगे और पूरी दुनिया के सामने भी भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर पाएगा।