
पश्चिम चंपारण के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां प्रसव कराने आयी महिला ने बच्चे को जन्म दिया, नवजात बच्चे को ड्यूटी पर तैनात नर्स व डॉक्टर ने मृत बता कर डिस्चार्ज लेटर थमा दिया, संदेश होने पर परिजन नवजात बच्चे को निजी नर्सिंग होम जांच के लिए ले गये, तो वह वहां जिंदा मिला। उसका वहां इलाज चाल राय है। निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे खतरे से बाहर बताया है।
इसके बाद सीएचसी में हड़कंप है।ল प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने जांच का निर्देश जारी कर दिया है। जानकारी के अनुसार, पिछले 24 मार्च सोमवार को चौतरवा थाने के बसवरिया परसौनी के बार्ड सात निवासी बहादुर बैठा की पत्नी ज्योति कुमारी को प्रसव पीड़ा हुई. परिजन पहले प्रसव के लिए सामुदायिक स्थास्थ्य केंद्र लौरिया से आये। उसी दिन शाम चार बजे अस्पताल में नार्मल डिलिवरी से ज्योति ने शिशु को जन्म दिया. इस दौरान ड्यूटी पर तैनात नसं एवं डाक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया। परिजनों को पचीं थमा कर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया।
पर्ची पर बकायदा स्टील बर्थ यानी पेट में ही मृत का जिक्र करते हुए चिकित्सक के हस्ताक्षर कर… पचीं दे दी. अस्पताल से बाहर निकलते… ही परिजनों ने बच्चे की जांच के लिए नगर पंचायत लौरिया के एक निजी अस्पताल में ले गये, वहां बच्चा जिंदा मिला। सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात नसें राधिका कुमारी ने बताया कि बच्चा मृत पैदा हुआ था। चिकित्सक डॉ अफरोज ने बताया कि मेडिकल स्टाफ एक साथ कई पर्थियों पर हस्ताक्षर कराने आते हैं। मैने बगैर जांच किये दस्तखत कर दिये थे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है. जांच की जायेंगी। दोषी पाये जाने पर वरीय अधिकारी को सूचना दी जायेगी।