
सहायक थाना पावापुरी क्षेत्र अंतर्गत पुरी गांव में शुक्रवार को एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। सभी को गंभीर हालत में भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) पावापुरी भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान दो बच्चियों की मौत हो गई। इनमें 16 वर्षीय दीपा और 14 वर्षीय अरिका शामिल हैं। वहीं, इनके पिता धर्मेंद्र कुमार, मां सोनी कुमारी और भाई शिवम की हालत चिंताजनक बनी हुई है। दो बेटियों और बड़े बेटे समेत दंपती के जहर खाने के पीछे का कारण कर्ज का बोझ बताया जा रहा है। धर्मेंद्र कुमार की मां कुसुम देवी ने भी बताया कि तीन-चार दिनों से उनके घर पर आकर कोई पैसों की मांग कर रहा था। हालांकि, पुलिस ने अब तक घटना का कारण स्पष्ट नहीं किया है। डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार के छोटे बेटे ने जहर नहीं खाया था। वह फिलहाल पुलिस की सुरक्षा में है। दंपती समेत कुल छह लोग परिवार में हैं। सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह परिवार मूलतः पड़ोसी जिले शेखपुरा के पुरनकामा गांव का निवासी था। आजीविका के लिए धर्मेंद्र सपरिवार छह माह पहले पावापुरी आए थे। यहां उन्होंने कपड़े की दुकान खोली थी और पुरी गांव स्थित जलमंदिर के सामने एक मकान में किराये पर रह रहे थे। बताया गया कि उनको व्यापार में घाटा होता चला गया। उसे सुचारू बनाए रखने के लिए उन्होंने किसी से भारी ब्याज पर लगभग पांच लाख रुपये कर्ज लिया, सूदखोर बार-बार रकम लौटाने का दबाव दे रहा था, जिससे पूरा परिवार मानसिक दबाव में था।
घटना की जानकारी मिलते ही राजगीर डीएसपी सुनील कुमार, इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज व गिरियक थानाध्यक्ष दीपक कुमार एवं पावापुरी थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सभी की हालत गंभीर है। बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।