विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखरवार्ता में पड़ोसी देश जाएंगे।
एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में संगठन में शामिल देशों के शीर्ष नेता शामिल होते हैं। हालांकि भारत-पाकिस्तान के संबंधों के कारण यह माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल नहीं होंगे।
एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। भारत, पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री का पाकिस्तान जाना केवल बहुपक्षीय बैठक में सम्मिलित होना है। इसका द्विपक्षीय पक्ष कुछ नहीं है।
प्रवक्ता ने बांग्लादेश के नेता मोहम्मद युनुस के सार्क (दक्षिण एशिया सहयोग संगठन) को दोबारा सक्रीय किए जाने के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क बढ़ाने का पक्षधर है तथा विभिन्न मंचों से इसके लिए प्रयास करता रहा है। जहां तक सार्क का संबंध है। एक देश विशेष (पाकिस्तान) के रवैये के कारण मंच में प्रगति नहीं हो पा रही है। उल्लेखनीय है कि यह करीब एक दशक बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा होगी।