March 13, 2025

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव तथा बेटी हेमा यादव को कथित भूमि-के-बदले-नौकरी घोटाले के सिलसिले में तलब किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद समन जारी किया। आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है। यह मामला 2004 से 2009 के बीच रेलवे की नौकरियों में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। सीबीआई ने इस मामले में 30 लोक सेवकों समेत 78 आरोपियों को नामजद किया है। एजेंसी का आरोप है कि पश्चिम मध्य रेलवे जोन (जबलपुर, मध्य प्रदेश) में ग्रुप डी के कई पदों पर लालू प्रसाद के परिवार या करीबी सहयोगियों को हस्तांतरित भूमि के बदले में नियुक्तियां की गईं। यादव परिवार के साथ अदालत ने पूर्व मंत्री के एक ज्ञात सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता को भी तलब किया है। 18 मई, 2022 को आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज किया गया, जिसमें लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और कई अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले से जुड़े वित्तीय लेन-देन की समानांतर जांच कर रहा है। ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, कई नौकरी चाहने वालों ने कथित तौर पर यादव परिवार से जुड़ी कंपनियों ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को जमीन के टुकड़े हस्तांतरित किए। ईडी का दावा है कि राबड़ी देवी और हेमा यादव ने रेलवे की नौकरी के आवेदकों से व्यक्तिगत रूप से चार जमीन के टुकड़े हासिल किए, उन्हें 7.5 लाख रुपये में खरीदा और बाद में 3.5 करोड़ रुपये में बेच दिया। एजेंसी ने इन कंपनियों को फंड जुटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फर्जी संस्थाएं बताया है। जांच में आगे आरोप लगाया गया है कि इन लेन-देन के जरिए हासिल की गई जमीन की कीमत अब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा है। सीबीआई ने अदालत को सूचित किया है कि लालू प्रसाद और इसमें शामिल अन्य लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है, जबकि कुछ शेष आरोपियों के लिए मंजूरी लंबित है। जांच से यह भी पता चलता है कि कथित घोटाले से प्राप्त आय को अवैध आय को सफेद करने के लिए भागीरथी ट्यूब्स सहित विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं में लगाया गया था।

सभी आरोपियों को आगामी अदालती सुनवाई में समन का जवाब देने के लिए कहा गया है। सीबीआई और ईडी वित्तीय लेन-देन और सार्वजनिक पद के कथित दुरुपयोग की अपनी जांच जारी रखे हुए हैं। मामले पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है, और कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ने के साथ ही आगे के घटनाक्रमों की उम्मीद है।

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