
केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती (विज्ञापन संख्या 1/2023) की परीक्षा में सेटिंग कर नौकरी पाने के प्रयास में 563 अभ्यर्थियों पर केस दर्ज किया गया है। इन सभी। के खिलाफ सचिवालय थाने में केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती की प्राथमिकी शाखा की प्रभारी एसआइ अमृता प्रियदर्शनी ने सात अप्रैल को केस दर्ज कराया है। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी करने, जाली दस्तावेज बनाने और जमा करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और पिछले साल बने बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकधाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि 240 अभ्यर्थियों के खिलाफ में गर्दनीबाग थाने में सात मार्च को भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। कई जिलों के अभ्यर्थियों पर दर्ज हुआ है केस : बिहार के कई जिलों के अभ्यर्थियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। जिन लोगों पर केस हुआ है वे भागलपुर, मुंगेर, गया, लखीसराय, बांका, बेगूसराय, मधुबनी, जमुई, सिवान, मधेपुरा, समस्तीपुर, रोहतास, नालंदा, वैशाली आदि जिलों के हैं।
सिपाही भर्ती में लाखों रुपये लेकर की सेटिंग: इतनी बड़ी संख्या में गलत तरीके से परीक्षा पास करने की कोशिश सामने आने के बाद स्पष्ट हो कैसे किया गया है फर्जीवाड़ा कई ऐसे आरोपी अभ्यर्थी हैं जिन्होंने दो या दो से अधिक बार सिपाही भर्ती की परीक्षा दी, माना जा रहा है कि वे स्कॉलर की भूमिका में थे, साथ ही कई ऐसे आरोपी अभ्यर्थी हैं जिनके पते और पिता का नाम एक है, अभ्यर्थी के नाम में मामूली परिवर्तन कर फिर परीक्षा में बैठे, यानी एक ही अभ्यर्थी दो अलग-अलग नामों से आवेदन कर लिखित परीक्षा में शामिल हुए। ऐसे भी मामले आये हैं जिसमें अपनी जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाया गया, इन मामलों में उनका बायोमेट्रिक मिलान पूरी तरह नहीं हो पाया।
गया है कि परीक्षा माफियाओं ने लाखों रुपये लेकर सेटिंग की थी. लेकिन गहनता से जांच के बाद उनकी सेटिंग पकड़ी गयी. सूत्रों का कहना है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पास कराने का ठेका 10 से 15 लाख रुपये में लिया जाता है। लिखित परीक्षा में बैठने वाले स्कॉलरों को करीब दो लाख रुपये दिये जाते हैं। फिलहाल इस केस की जांच का जिम्मा डीएसपी अनु कुमारी को सौंपी गयी है।