
पटना सिटी नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में मंगलवार की सुबह भर्ती तीन वर्षीय शौर्य राज की शाम में इलाज के दौरान मौत होने के बाद स्वजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया। सूचना पाकर पहुंचे निजी सुरक्षा गार्ड ने रोते-बिलखती मां समेत अन्य स्वजनों को इमरजेंसी से बाहर किया। चिकित्सकों एवं नसों का कहना था कि भर्ती हुए बच्चे की हालत गंभीर थी।
अस्पताल में मौजूद मामा आर्यन कुमार पांडेय ने बताया कि दानापुर के कृषि फार्म निवासी दुर्गेश उपाध्याय और माधुरी देवी के पुत्र शौर्य को एनएमसीएच इमरजेंसी में मंगलवार की सुबह 7:30 भर्ती किया गया था। उसे सोमवार की रात डायरिया हो गया था। मामा ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी में भर्ती शौर्य दोपहर तक बातचीत कर रहा था। इसी बीच अचानक उसका बुखार काफी बढ़ गया। खराब पल्स आक्सीमीटर लगाया गया था। इसे बदलने के लिए बार बार कहा जा रहा था। पर किसी ने नहीं सुना। शाम करीब पांच बजे बच्चे की मृत्यु होने की जानकारी दी गई। स्वजन का कहना था कि इमरजेंसी में भर्ती मरीज का इलाज पीजी के छात्र-छात्रा और नर्स कर रहे थे।
आरोप है कि बार-बार कहने के बाद भी सीनियर डाक्टर मरीज को देखने नहीं आए। इमरजेंसी की व्यवस्था बदहाल है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। मामा आर्यन कुमार ने बताया कि अस्पताल के निजी सुरक्षा गार्ड ने पुलिस के सामने मुझे, मेरे भाई समेत परिवार के कई लोगों को डंडा से मारा है। सभी को चोट लगी है। पूरे मामले की उच् स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वज ने अस्पताल प्रशासन से मांग की है। मंगलवार को इमरजेंसी में वेंटिलेटर पर भर्ती हुआ बच्चा तीव्र मस्तिष्क ज्वर (एईएस) के लक्षण से पीड़ित था। उसका इलाज करने और बचाने में पूरी टीम सक्रिय थी। ऐसी गंभीर हालत में मरीज का मृत्यु दर अधिक होता है। पल्स आक्सीमीटर काम कर रहा था। डा. प्रो. बी पी जायसवाल, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभागा।