
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 6 अगस्त को झाड़ग्राम दौरे पर जाएंगी, जहां वे बंगाली भाषा पर हो रहे कथित हमलों के विरोध में एक विशाल जुलूस का नेतृत्व करेंगी। यह जुलूस झाड़ग्राम शहर के राजबाड़ी मोड़ से शुरू होकर सार्कस मैदान तक जाएगा। इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य और बुद्धिजीवी भी भाग लेंगे।
पिछले कुछ महीनों से अन्य राज्यों में बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। बांग्ला भाषा बोलने के कारण उन्हें ‘बांग्लादेशी’ कहकर प्रताड़ित किया गया, मारा-पीटा गया, कमाई छीनी गई और पहचान-पत्र छीन लिए गए — ऐसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। इन घटनाओं के विरोध में मुख्यमंत्री पहले ही कोलकाता और शांतिनिकेतन में जुलूस निकाल चुकी हैं। अब वे झाड़ग्राम में इसी मुद्दे को लेकर जनआंदोलन का नेतृत्व करेंगी।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बुधवार को कोलकाता स्थित विधान भवन में नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में झाड़ग्राम जिला तृणमूल अध्यक्ष दुलाल मुर्मू, बिनपुर के विधायक देबनाथ हांसदा, गोपीबल्लवपुर के विधायक खगेन्द्रनाथ महतो सहित अन्य नेता मौजूद थे। मंत्री फिरहाद हकीम स्वयं एक दिन पहले झाड़ग्राम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लेंगे।
विधायक देबनाथ हांसदा ने बताया, “मुख्यमंत्री के इस दौरे में भाषा अधिकारों को लेकर जुलूस, प्रशासनिक बैठक और अन्य कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यदि जरूरत पड़ी तो जुलूस के मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है।”
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विश्व आदिवासी दिवस पर भी विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन को लेकर झाड़ग्राम सहित पूरे जंगलमहल क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और प्रशासनिक तैयारियां भी जोरों पर हैं।