
भोजपुर जिले में पंचायत समिति सदस्य की हत्या और एके-47 की बरामदगी जैसे चर्चित मामले में वांटेड बुटन चौधरी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बिहार एसटीएफ की टीम ने रविवार की रात महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई-विरार इलाके से उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। वह भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव का निवासी है।
एसपी राज ने बताया कि उसके खिलाफ 15 संगीन मामले दर्ज हैं। तीन गंभीर कांडों में वह फरार चला आ रहा था। दो वर्षों से पुलिस को तलाश थी। आपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित
कर रखा था। एसटीएफ की टीम ट्रांजिट रिमांड पर उसे बिहार ला रही है। तकनीकी सूत्र के आधार पर एसटीएफ, पटना की टीम वहां गई थी।
इस दौरान गिरफ्तारी के डर से वह महाराष्ट्र के वसई शहर स्थित चाल में छुप गया था। गत छह अप्रैल की देर रात पटना एसटीएफ और भोजपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बेलाउर गांव स्थित बुटन चौधरी के घर से एक एके-47 रायफल, चार मैग्जीन, 43 कारतूस और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए थे। हालांकि उस समय बुटन पुलिस के हाथ नहीं लग सका था। उसके भाई उपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसकी पत्नी उर्मिला देवी बेलाउर पंचायत की मुखिया है। प्रतिबंधित हथियार बरामदगी मामले में बुटन और उसके भाई उपेंद्र दोनों को नामजद किया गया था। 28 अप्रैल 2023 को बेलाउर गांव निवासी पूर्व पंचायत समिति सदस्य व मिठाई दुकानदार दीपक साह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चुनावी रंजिश को लेकर घर से बुलाकर उनकी हत्या की गई थी। इस वारदात में भी आरोप बुटन चौधरी गिरोह पर लगा था।