भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो दर में पच्चीस (२५) आधार अंकों की कटौती कर उसे ५.२५ प्रतिशत पर लाए जाने के बाद, गृह ऋण लेने वालों के लिए अच्छी ख़बर है। एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), और बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बीओबी) जैसे प्रमुख ऋणदाताओं ने अपनी उधार दरों में कटौती करके इस लाभ को ग्राहकों तक पहुँचाना शुरू कर दिया है। यह २०२५ में हुई चौथी दर कटौती है, जिससे इस वर्ष कुल कटौती १२५ आधार अंकों तक पहुँच गई है। यह कदम घटती मुद्रास्फीति और मज़बूत आर्थिक विकास की पृष्ठभूमि में आया है, जिससे उधारकर्ताओं के लिए ब्याज लागत कम हो गई है और मासिक किस्त (ईएमआई) का बोझ हल्का हो गया है।
आरबीआई की दर कटौती के बाद, बैंकों ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर), मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) और बेंचमार्क रिटेल लोन लेंडिंग रेट (बीआरएलएलआर) जैसे विभिन्न बेंचमार्क से जुड़ी दरों को समायोजित किया है। उदाहरण के लिए, पीएनबी ने अपनी आरएलएलआर को ८.३५ प्रतिशत से घटाकर ८.१० प्रतिशत कर दिया है। एचडीएफसी बैंक ने भी एमसीएलआर में पाँच (५) आधार अंकों तक की कटौती की है। २० वर्षों की अवधि के लिए ५० लाख रुपये के ऋण पर १२५ आधार अंकों की संचयी कटौती का कुल प्रभाव यह हुआ है कि उधारकर्ताओं की मासिक ईएमआई में लगभग ४,००० रुपये तक की बचत हो सकती है। इस दर कटौती से आवास बाज़ार में मांग को बढ़ावा मिलने और नए तथा मौजूदा दोनों तरह के उधारकर्ताओं की सामर्थ्य (अफोर्डेबिलिटी) बढ़ने की उम्मीद है।
