
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आधार फर्जीवाड़े के बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए मधेपुरा जिले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में रामप्रवेश कुमार, मिथिलेश कुमार और विकास कुमार हैं. कार्रवाई अपर पुलिस महानिदेशक, आर्थिक ‘अपराध इकाई के निर्देश और पुलिस उप महानिरीक्षक (साइबर) के नेतृत्व में गठित विशेष दल ने मधेपुरा पुलिस की मदद से की।
इओयू की जांच में सामने आया कि यह गिरोह आधार संबंधी सॉफ़्टवेयर, स्रोत कोड और आयुष्मान साइट नामक फर्जी वेबसाइट समेत कुल 67 साइटों का इस्तेमाल कर आधार डाटा में हेरफेर करता था। आधार प्रणाली में बायोमैट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता को दरकिनार करने के लिए आरोपियों ने सिलिकॉन से अंगूठाछाप तैयार किया, जिससे वे असली परिचालक के नाम पर प्रवेश कर आधार डाटा में बदलाव करते थे।
गिरोह आम लोगों के बायोमैट्रिक और पहचान पत्र की प्रतियां जुटाकर उन्हें अपराधियों को बेचता था। गिरोह लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देता और उनके बायोमैट्रिक व पहचान पत्र की प्रतियां ले लेता। यही डाटा बाद में नकली वेबसाइटों पर सुरक्षित कर अन्य अपराधियों को बेचा जाता था।