
साइबर सेल की पुलिस टीम ने राजेपुर थाना के मीनापुर गांव में गुरुवार शाम छापेमारी कर ट्रेडिंग एप से साइबर ठगी के बड़े ठिकाने का भंडाफोड़ किया है। ठिकाने से पुलिस ने रुपये से भरी तिजोरी बरामद की है। इसमें एक करोड़ से अधिक रुपये होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस ने जब्त रुपये की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पुलिस अधिकारी बड़ी राशि जब्ती की बात बता रहे हैं।
पुलिस को शातिरों के ठिकाने से नोट गिनने वाली मशीन भी मिली है। बरामद नोटों की गिनती की जा रही है। दो शातिरों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। दो दर्जन से अधिक डेबिट-क्रेडिट कार्ड, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, लैपटॉप व 10 से अधिक मोबाइल जब्त किए गए हैं। साइबर शातिरों ने यह ठिकाना पारिवारिक मकान के अंदर बनाया था, ताकि किसी को शक नहीं हो। साइबर ठगी के तार पंजाब, हरियाणा, यूपी समेत कई बड़े शहरों से जुड़े होने की आशंका है। पुलिस को पंजाब से जुड़ाव के साक्ष्य मिले हैं। ठगी के रुपये अलग-अलग नामों से खोले गए दो दर्जन से अधिक घोस्ट खातों में मंगाए जाते थे। घोस्ट खातों से ठगी के रुपये निकासी कर तिजोरी में कैश के रूप रखी जाती थी सोशल मीडिया के जरिए ठगी के लिए शिकार को तलाशते थे। ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश पर कम समय में ही राशि दोगुनी और भारी मुनाफा का झांसा देकर ठगी करते थे। इन दिनों जिले में ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का झांसा से जुड़े कई केस दर्ज किए गए थे। इसी क्रम में कुछ मोबाइल नंबर को भी पुलिस ट्रेस कर रही थी।
इसके आधार पर पुलिस टीम ने छापेमारी शुरू की। जब पुलिसने छापेमारी की तो घर के अंदर नोटों से भरी तिजोरी मिली। हिरासत में लिए गए शातिर से जब पूछताछ हुई तो उसने ठगी के 10 बारे में बताया। उसके पास से मिले से अधिक मोबाइल और एक दर्जन से अधिक सिम कार्ड मिले। साइबर डीएसपी ने बताया कि शुक्रवार को पूरो मामले का खुलासा किया जाएगा। साइबर कैफे व चिटफंड की आड़ में ठगी का धंधा साइबर शातिर गांव में साइबर कैफे के नाम पर चिटफंड का धंधा चला रहा था। इससे वह अकूत संपत्ति अर्जित कर रखा था। इसकी शिकायत पुलिस को मिल रही थी। पुलिस जब उसके मोबाइल कॉल की जांच कर रही थी। हालांकि, मुख्य शातिर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। छापेमारी के बाद एसडीपीओ सरैया चंदन कुमार ने राजेपुर ओपी जाकर मामले की छानबीन की। इसमें पता चला कि शातिर शेयर बाजार का जानकार है। वह शेयर मार्केट के नाम पर भी गोरखधंधा चला रहा था। इसी बीच पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह साइबर फ्रॉड के काम से जुड़ा है। इसके बाद साइबर सेल और राजेपुर ओपी की पुलिस छापेमारी की।