
लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले छह साइबर जालसाजों को पुलिस ने रामकृष्णानगर थानांतर्गत न्यू जगनपुरा स्थित शंकर शर्मा के मकान से गिरफ्तार कर लिया। साइबर थाने में सभी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। पकड़े गये साइबर ठगों में पांच कर्नाटक के रहने वाले हैं। साइबर ठगों की पहचान गोल कुमार (बिहारशरीफ, नालंदा), राजेंद्र (नोपकुलु, कोडागु), मृनोहर के एन (कोनरकुन्टे, बेंगलुरु), एस महेश (कोन्नाकुंटे, बेंगलुरु), मुनीर (चिकमागलूर, कर्नाटक) और गुनापोवास्तया (चमराजनगर, कर्नाटक) शामिल हैं।
सभी के पास से पुलिस ने 17 मोबाइल, दो लैपटॉप और पांच एटीएम कार्ड बरामद किया है। दरअसल साइबर थाने में यह शिकायत आ रही थी कि एक गिरोह लोन दिलवाने के नाम पर ठगी कर रहा है। कई लोग साइबर गैंग के शिकार हो चुके हैं। पुलिस ने जब तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि साइबर ठग धनी एप से लोन दिलवाने के नाम पर लोगों से ठगीं करते हैं। जिसे जितनी राशि की जरूरत होती है, उससे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रुपये लिए जाते हैं। तीन दिन बाद लोन मिलने की गारंटी दी जाती है। तीन दिन बाद लोन नहीं मिलने पर पीड़ित जब साइबर ठगों के मोबाइल पर कॉल करते हैं तो उनके नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है। गोलू देता था ठगी का 40 प्रतिशत हिस्साः पुलिस के हत्थे चढ़े गोलू ने ही कर्नाटक के पांचों युवकों को रहने की जगह दिलवाई थी।
वह गिरोह में अहम बरामद मोबाइल की हो रही जांच पुलिस साइबर इगों के पास से बरामद मोबाइलों की जांच करने में जुटी हुई है। उनमें किन लोगों के नंबर सेव हैं। ठग व्हाट्स एप पर किससे बातचीत करते थे, यह पता लगाया जा रहा है। मोबाइलों की पड़ताल करने के बाद कई चीजें सामने आ सकती हैं। वहीं दूसरी ओर ब्रामद एटीएम कार्ड के जरिये पुलिस ठगों के खातों व उनमें हुए रुपये के लेन-देन की जानकारी भी ले रही है। भूमिका निभाता था। वह अपने गैंग के सदस्यों को साइबर ठगी से आने वाली राशि का 40 प्रतिशत हिस्सा देता था। बाकी के पैसे वह खुद रख लेता था। साइबर थाने की पुलिस यह पता लगा रही है कि इस गिरोह का सरगना गोलू है या कोई ओर। गौर हो कि इससे पहले भी रामकृष्णानगर इलाके से पुलिस ने साइबर ठग गिरोह को पकड़ा था, जो दक्षिण के राज्य के रहने वाले वाले थे।