भारत-बांग्लादेश सीमा के करीब रविवार को एक आंतकी को गिरफ्तार किया गया था जिसका तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़ा हुआ हैं। बताया जा रहा हैं कि कैनिंग में स्थित सुंदरवन-बांग्लादेश जलमार्ग का इस्तेमाल गिरफ्तार आंतकी जावेद आंतकी गतिविधियों को अंजाम के लिये किया करता था। रविवार को संदिग्ध आंतकी जावेद मुंशी से हुए पूछताछ के बाद बंगाल एसटीएफ की टीम अब उस जलमार्ग मार्ग की जांच कर रही है जिसे कथित तौर पर प्रतिबंधित तहरीक-उल-मुजाहिदीन (टीयूएम) के एक संदिग्ध आतंकवादी जावेद अहमद मुंशी बंगाल से बांग्लादेश तक नियमित रूप से इसी रूट का इस्तेमाल आंतकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये किया करता था। रविवार को संयुक्त रूप से की गयी छापेमारी में जम्मू कश्मीर पुलिस और बंगाल एसटीएफ ने मुंशी को गिरफ्तार कर लिया और दो मोबाइल फोन और कई नंबरों वाला एक नोट जब्त किया था। इस नोट में मुंशी का कई पाकिस्तानी और बांग्लादेशी संपर्क पुलिस के हाथ लगे हैं साथ ही मोबाइल फोन पर कई कोड भी बरामद हुए हैं जिसे डिकोट करने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुंशी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही बंगाल आया था और कथित तौर पर टीयूएम गुर्गों के निर्देशों के तहत बांग्लादेश में घुसपैठ करने की योजना बना रहा था ताकि बांग्लादेश पहुँच कर पाकिस्तानी आंकाओं के द्वारा दिये गये निर्देशों के आधार पर आतंक का खूनी खेल खेल सके। पुलिस सूत्रों के हाथ कुछ तथ्य लगे हैं जिसके मुताबिक गिरफ्तार आतंकी जावेद कथित तौर पर कैनिंग के साथ साथ बंगाल और बांग्लादेश से सटे जलमार्गों पर किराये पर नाव लेता था और उसके जरिये वो बांग्लादेश में प्रवेश करता था। सुंदरबन का जंगल भारत और बांग्लादेश में 10,000 वर्ग किमी में फैला है, जिसका 40त्न हिस्सा भारत में है।
पुलिस सूत्रों की माने तो जावेद के पास से बरामद हुए मोबाइल फोन से बरामद कोड को डिकोड करने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही साथ जांच का मुख्य बिंदु इस पर भी टीका हुआ हैं कि जावेद द्वारा इस्तेमाल किया गया जलमार्ग कौन कौन सा है और इस मार्ग का उसने कितनी बार इसका इस्तेमाल किया हैं?
एसटीएफ की टीम इस बात का भी पता लगाने में जुटी हैं कि क्या जावेद बंगाल में पाकिस्तान के लिये एजेंटों की भर्ती कर रहा था? और क्या वह स्लीपर तैयारी के लिये ही पाकिस्तानी आंतकियों के इशारे पर बंगाल भेजा गया था?
प्रारंभिक पूछताछ के दौरान जावेद मुंशी ने कथित तौर पर अपने आकाओं के निर्देशों पर फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके कई बार बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान का दौरा करने की बात स्वीकार की हैं। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात कि हैं कि जावेद ने बंगाल में किस-किस से संपर्क किया है, साथ ही किसी भी सोशल मीडिया समूह या सामग्री का ऑनलाइन आदान-प्रदान जावेद द्वारा किया गया था या नहीं। आईईडी और हथियार चलाने में एक्सपर्ट जावेद मुंशी पर 2011 में अहल-ए-हदीस के नेता शौकत शाह की हत्या में अहम भूमिका निभाने का भी आरोप हैं। साथ ही ये भी पता चला हैं कि वो आतंकवाद से संबंधित आरोपों में कई बार जेल की सजा काट चुका है।