
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सुपौल और वैशाली में सक्रिय इस गिरोह ने चीन, वियतनाम, यूएई, कंबोडिया, थाईलैंड, हांगकांग, यूके और जर्मनी से बड़ी संख्या में सिम बॉक्स प्राप्त कर समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कर रखा था। इस फर्जी एक्सचेंज से कंबोडिया, थाईलैंड आदि में मौजूद साइबर ठगी के अड्डों से प्रारंभ हो रही वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल को लोकल जीएसएम कॉल्स में रूपांतरित कर देश में ठगी की जा रही थी। वीओआईपी तकनीक इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग कर वॉयस कॉल करने की अनुमति देती है। मामले में गिरोह के मुख्य सरगना जदयू के प्रदेश युवा सचिव हर्षित कुमार, सीएससी संचालक मो सुल्तान व चार पीओएस संचालक सहित छह को गिरफ्तार किया गया है। हर्षित कुमार जदयू के प्रदेश युवा सचिव थे। जदयू ने हर्षित को पार्टी से बाहर कर दिया है। ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि सुपौल
के गौसपुर का 21 वर्षीय हर्षित कुमार रैकेट का सरगना है। वह फेसबुक आदि से चीनी समेत अन्य अन्य देश के लोगों के संपर्क में आया और उनके टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो गया। उन्होंने उसे सिम बॉक्स चलाने के लिए पैसे का लालच दिया। हर्षित ने वियतनाम से चार और चीन से चार सिम बॉक्स डिवाइस लिए। हर्षित की 15 करोड़ की संपत्ति हर्षित के मोबाइल, लैपटॉप की जांच के दौरान विभिन्न बैंक खातों, क्रिप्टो आदि में करीब 15 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। मोतिहारी में उसके एक बैंक खाते में जमा 2.50 करोड़ सीज कर दिया गया है। अलग-अलग नामों से 30 से 35 खातों की जानकारी मिली है। इनमें साइबर फ्रॉड की राशि का लेनदेन होती थी। हर्षित कुछ वर्षों में थाईलैंड, बैंकॉक समेत दर्जनभर देशों की यात्रा कर चुका है। इसलिए जांच में आईबी और सीबीआई की मदद ली जा सकती है। कई देशों से जुड़े तार गिरोह के तार बंगाल, यूपी, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली, ओडिशा, झारखंड के अलावा यूएई, चीन, कंबोडिया, थाईलैंड, हांगकांग, वियतनाम, यूके और जर्मनी आदि से जुड़े मिले हैं।
भारी मात्रा में क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन का साक्ष्य मिले हैं। दो क्रिप्टो एक्सचेंज पर उक्त सरगना के अकाउंट पाये गये हैं। इस गिरोह से जुड़े साइबर ठगी के 18 मामले प्रकाश में आये हैं। पाकुड़ से लिए 1000 सिम ईओयू ने कहा- सिम बॉकस चलाने के लिए हर्षित ने पाकूड (झारखंड) के अपराधी सुमित शाह से 1000 स्मि कार्ड लिए। सुमित जिस मो. सुत्तान से सिम कार्ड लेता था, उसने भी हत को लगभग 400 सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। हर्षित और सुल्तान की मुलाकात हाजीपुर में कई बार हुई थी। हर्षित पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित किया गया है। पार्टी ऐसे मामलों में बेहद संवेदनशील है और इसे किसी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है।