गठिया जीवनभर रहनेवाली बीमारी है। इसका इलाज भी जीवनभर चलता है। अगर शुरुआती स्तर पर इसकी पहचान हो जाए तो इसके इलाज में आसानी होती है और मरीजों को परेशानी भी कम होती है।
गठिया के शुरुआती समय में पहचान, नई तकनीक और दवाओं के इस्तेमाल पर परिचर्चा के लिए रविवार को आरकॉन 2024 का आयोजन पटना में हो रहा है। ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर के 200 से ज्यादा हड्डी रोग विशेषज्ञ जुटेंगे। ये जानकारी आरकॉन के सचिव डॉ. अमूल्य कुमार सिंह, संरक्षक डॉ. एसएस झा, अध्यक्ष डॉ. सरसिज नयनम, साइंटिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रमित गुंजन, डॉ. जिबेन्दु
चौधरी ने बुधवार को प्रेस वार्ता में दी। डॉ. अमूल्य ने बताया कि देश के जानेमाने आठ गठिया रोग विशेषज्ञों की ओर से हड्डी रोग विशेषज्ञों को गठिया के इलाज का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें प्रमाणपत्र भी मिलेगा। राज्यभर में चार से पांच गठिया रोग विशेषज्ञ हैं। लेकिन इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या लाखों में है। ऐसे में हड्डी रोग विशेषज्ञ भी प्रशिक्षित होंगे तो पीड़ितों को काफी लाभ होगा और इस रोग के इलाज में डॉक्टरों को भी मदद मिलेगी। शनिवार को कार्यक्रम का उद्घाटन एलजेपी (रा) सांसद शांभवी चौधरी करेंगी।