September 17, 2024

पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के स्वास्थ्य की दोबारा जांच कराने का निर्देश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमांड अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराने की अनुमति दी है।
न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष ने आदेश दिया कि ईडी को सात दिनों के भीतर पूर्व खाद्य मंत्री का स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा और 11 सितंबर तक इस जांच की रिपोर्ट अदालत में जमा करनी होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
वर्तमान में ज्योतिप्रिय मल्लिक प्रेसिडेंसी जेल में बंद हैं। उन्होंने राशन घोटाला मामले में ईडी से जमानत पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके वकील ने अदालत में दलील दी कि मल्लिक को जेल के अंदर बार-बार स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। उनके सीने में दर्द की शिकायत है और हाल ही में उन्हें आपातकालीन चिकित्सा के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने मल्लिक के स्वास्थ्य की रिपोर्ट तलब की थी, जो मंगलवार को उनके वकील ने अदालत में जमा की।
हालांकि, ईडी ने इस रिपोर्ट पर संदेह व्यक्त किया और अदालत को बताया कि वह मल्लिक का दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहते हैं। न्यायमूर्ति घोष ने ईडी से एक वैकल्पिक अस्पताल का नाम मांगा। बुधवार को, ईडी के वकील धीरज त्रिवेदी ने अदालत में उस विकल्प को प्रस्तुत किया और 2020 और अप्रैल 2024 की मल्लिक की ब्लड शुगर रिपोर्ट भी जमा की।
ईडी के वकील ने दलील दी कि 2020 में मल्लिक के रक्त शर्करा का औसत स्तर अब की तुलना में काफी अधिक था। यहां तक कि अप्रैल 2024 की रिपोर्ट की तुलना में अब रक्त में शर्करा का स्तर कम है। तब मल्लिक ने ज्यादा शुगर के साथ भी अपनी मंत्री की जिम्मेदारियों को निभाया, लेकिन अब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का हवाला देकर जमानत पाना चाह रहे हैं। इसके अलावा, किडनी की जांच में सिर्फ एक प्रतिशत खराबी पाई गई है, जो जमानत के लिए उचित आधार नहीं है।
ईडी द्वारा मल्लिक के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अपनी पसंद के अस्पताल में जांच कराने की याचिका का पूर्व मंत्री के वकील ने विरोध किया। उन्होंने कहा, “ईडी मेरे मुवक्किल को अपनी हिरासत में लेकर अपनी पसंद के अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहती है। ऐसे में मेडिकल रिपोर्ट को प्रभावित करने की संभावना बनी रहती है।” इसके बाद अदालत ने आदेश दिया कि मल्लिक का स्वास्थ्य परीक्षण कमांड अस्पताल में ही होगा। परीक्षण के दौरान ईडी के अधिकारी और प्रेसिडेंसी जेल के अधिकारी मौजूद रह सकते हैं।

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