September 13, 2025

पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के रेत तस्करी मामले की व्यापक जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले के दो मुख्य सरगनाओं के बीच एक साझा “हवाला” कड़ी का पता लगाकर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस वित्तीय तार के खुलासे ने जाँच को नई गति प्रदान की है और इससे अवैध नेटवर्क के संचालन की गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है। इन निष्कर्षों से धन शोधन की एक अत्यंत परिष्कृत प्रणाली का पता चलता है जो राज्य की सीमाओं से परे तक फैली हुई है।

रेत खनन घोटाले के दो कथित सरगनाओं, शेख ज़हीरुल अली और सौरव रॉय के बीच साझा कड़ी की पहचान संजीव बॉयड के रूप में हुई है। ईडी सूत्रों के अनुसार, बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा प्रमाणित बीमा एजेंट बॉयड, अवैध आय के लिए एक महत्वपूर्ण हवाला माध्यम के रूप में काम कर रहा था। यह खुलासा ईडी द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य भर में दोनों सरगनाओं पर मैराथन छापेमारी के बाद हुआ।

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि बॉयड का बीमा एजेंसी व्यवसाय केवल दिखावा था। सूत्रों के अनुसार, उसका असली काम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल विभिन्न अवैध व्यापारियों के लिए हवाला एजेंट के रूप में काम करना था। उसकी भूमिका न केवल अपराध की आय को दूसरे देशों में भेजना था, बल्कि इन अवैध धन के एक हिस्से को विदेशी संपत्तियों में निवेश करने की व्यवस्था करना भी था। यह अवैध धन को छिपाने और उसके स्रोतों को अस्पष्ट करने के लिए एक सुनियोजित अभियान का संकेत देता है।

ईडी को यह सफलता हाल ही में कोलकाता के बाहरी इलाके रीजेंट कॉलोनी में बॉयड के कार्यालय-सह-निवास पर की गई तलाशी के दौरान मिली। इन छापों के दौरान, ईडी के अधिकारियों को बॉयड और शेख ज़हीरुल अली तथा सौरव रॉय दोनों के बीच व्यावसायिक संबंध स्थापित करने वाले ठोस सुराग मिले, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क में उसकी केंद्रीय भूमिका की पुष्टि हुई। ज़ब्त किए गए सबूत एक ऐसे सीधे संबंध की ओर इशारा करते हैं जिसे पहले स्थापित करना मुश्किल था।

साथ ही, जाँच अधिकारियों को बॉयड के रेत खनन और व्यापार व्यवसाय से जुड़ी एक कॉर्पोरेट संस्था से संबंधों के ठोस सबूत भी मिले। यह संस्था, जिसके दो कार्यालय हैं—एक बेहाला में और दूसरा कोलकाता के साल्ट लेक में—अब जाँच के घेरे में है। इस कॉर्पोरेट कनेक्शन का पता चलने से संकेत मिलता है कि इस अवैध नेटवर्क ने अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वैध दिखने वाले व्यवसायों का इस्तेमाल किया होगा।

जाँच ​​अभी पूरी नहीं हुई है। ईडी के सूत्रों ने खुलासा किया है कि जाँच अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कई अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं की भी पहचान की है जिनके साथ बॉयड के व्यावसायिक संबंध हैं। ईडी का अगला कदम सावधानीपूर्वक यह पता लगाना है कि इन नए खोजे गए नामों और संस्थाओं में से कौन से अवैध रेत खनन और व्यापार में भी शामिल हैं। इस चल रही प्रक्रिया से मामले का दायरा और बढ़ने और तस्करी के रैकेट की पूरी हदें उजागर होने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *