उत्तर प्रदेश के संभल में जमीन हथियाने के लिए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के नगर अध्यक्ष प्रेमपाल ने अपनी पीठ में दो फार्मासिस्ट की मदद से गोली प्लांट करा ली। इसके बाद तीन विरोधियों के खिलाफ जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज करा दी। पुलिस ने भी नामजद तीनों को न केवल गिरफ्तार कर लिया, बल्कि उनसे तमंचा भी बरामद दिखा दिया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आदेश पर दोबारा हुई जांच में पूरे मामले का राजफाश हुआ। पुलिस ने भाजपा नेता सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। एक फरार है। निर्दोष होने के बाद भी 37 दिन जेल में रहने वाले तीनों को कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है।
भाजपा नेता ने गत 27 जुलाई को रात 10 बजे डायल 112 पर काल की। उसने बताया कि तीन लोगों ने उसे गोली मार दी है। प्रेमपाल ने पुलिस को बताया कि वह व्यापार मंडल की एक बैठक में शामिल होकर लौट रहा था तभी रास्ते में उसके पड़ोसी दो भाई दिलीप व हेमंत और उनके साथी श्यामलाल ने घेरकर गोली मार दी। प्रेमपाल के भाई की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने रात में ही तोनों को गिरफ्तार कर लिया। दिलीप व हेमंत की मां ने कई बार अधिकारियों से मिलकर बेटों को झूठा फंसाने की बात कही थी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। पीड़ित पक्ष ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से गुहार लगाई। उनके आदेश पर कोतवाली पुलिस ने दोबारा जांच की।
मामला उल्टा निकला। पता चला कि भाजपा नेता ने कथित घटनास्थल पर फार्मासिस्ट आमिर अली और शराफत को बुलाकर उनसे चीरा लगवाकर पीठ में गोली प्लांट कराई थी। षड्यंत्र में जयवीर कोरी और राहुल वाल्मीकि भी शामिल रहा। पुलिस ने भाजपा नेता के साथ दोनों फार्मासिस्ट और राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। एडीजे (एससी एसटी एक्ट) कोर्ट में पुलिस ने घटना की नई कहानी के बारे में बताया। इस पर कोर्ट ने पूर्व में गिरफ्तार तीनों निर्दोष को रिहा करने का आदेश दिया है।