प्रवर्तन प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और उर्जा विभाग के पूर्व सचिव संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए अपनी कार्रवाई शुरू की थी। करीब चार महीने लगातार चली जांच और छापेमारी के बाद इन दोनों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया। संजीव को पटना जबकि गुलाब को दिल्ली में एक रिजार्ट से गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने पहली बार बिहार में किसी आइएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। देर शाम ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की अलग अलग टीमों ने शुक्रवार को हंस और गुलाब और इनके करीबियों के पटना और दिल्ली के ठिकानों पर एक बार फिर दबिश दी। छापेमारी पटना में दो स्थानों, जबकि दिल्ली में तीन स्थानों पर की गई। ईडी की यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट में की गई। प्रवर्तन निदेशालय की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने हंस और गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ दिनों पहले ही हंस व गुलाब, हंस की पत्नी समेत अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था। सूत्रों के अनुसार संबंधित नए केस के आधार पर ईडी ने आज कार्रवाई की।
पटना में संजीव हंस के बोर्ड कालोनी स्थित आवास के साथ ही एक अन्य ठिकाने, जबकि दिल्ली में हंस के करीबी प्रवीण चौधरी समेत दो अन्य के ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापा मारा। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में हुई कार्रवाई के क्रम में संपत्ति में निवेश के कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं। साथ ही बैंक में जमा नकदी की जानकारी भी मिली है। प्रवीण चौधरी जिसके उनकयहां छापा मारा गया वह मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला और हंस का करीबी है। दिनभर चली छापेमारी के बाद आइएएस संजीव हंस को पटना से जबकि गुलाब को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। ईडी ने पहली बार 16 जुलाई को छापा मारा था। कार्रवाई पटना, झंझारपुर पुणे, महाराष्ट्र समेत करीब 21 स्थानों पर एक साथ की गई। इस कार्रवाई में हंस के आवास से 40 के करीब बेशकीमती विदेशी घड़ियां, नकद और दस्तावेज बरामद हुए थे।