उत्तर बंगाल का पारंपरिक बरुनी मेला स्नान आज से जलपाईगुड़ी के मोहितनगर के गौरीहाट में शुरू हो गया है। इसी के साथ गौरीहाट मेला अपने 82वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। हर साल की तरह इस बार भी बरुनी मेला और स्नान शामिल होने के लिए काफी में काफी संख्या में श्रद्धालु आये हुए है।
गौरीहाट के उत्तर में बहने वाली कार्ला नदी के तट पर प्राचीन काल से ही विभिन्न क्षेत्रों से तीर्थयात्री बरुनी में स्नान करने के लिए आते रहे हैं। इस स्नान को केंद्र कर एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी स्थानीय आयोजन कर्ताओं ने सात दिवसीय मेले का आयोजन किया है। उत्तरी बंगाल के विभिन्न जिलों से तीर्थयात्री उत्तरी कार्ला नदी में स्नान करने के लिए यहां आये हैं।
आज से शुरू हुआ बरुनी मेला 14 अप्रैल तक चलेगा. लेकिन बरूनी स्नान मुख्यतः दो दिन तक ही होगा। बरुनी मेला उत्तर बंगाल का सबसे पारंपरिक मेला कहा जाता है। गौरीहाट के इस मेले में। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान में शामिल हुए। नदी में स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिर में पूजा करने के बाद पारंपरिक रूप से दही खाते हैं।