नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और आने वाले कई वर्षों तक इसी तरह की वृद्धि दर बनाए रखने की राह पर है। विरमानी ने कहा कि देश के सामने नई चुनौतियां हैं और उनसे निपटना होगा। उन्होंने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत प्लस माइनस 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी… मुझे उम्मीद है कि हम आज से कई वर्षों तक 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की राह पर हैं।” पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 25 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। पिछले वित्त वर्ष में निजी उपभोग व्यय में गिरावट के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में विरमानी ने कहा कि वास्तव में अब इसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “महामारी का प्रभाव बचत को कम करना था… और यह पिछले वित्तीय झटकों से बहुत अलग है।” आगे बताते हुए विरमानी ने कहा कि यह दोहरे सूखे की स्थिति जैसा है। उन्होंने कहा, “पिछले साल भी अल नीनो आया था, लेकिन महामारी के कारण लोगों को अपनी बचत कम करनी पड़ी… इसलिए, जाहिर सी बात है कि अपनी बचत को फिर से बढ़ाना होगा, जिससे मौजूदा खपत कम होती है।” उन्होंने कहा कि अगर लोग ब्रांडेड सामान खरीद रहे थे, तो वे कम ब्रांडेड या साधारण सामान खरीदेंगे और उस पैसे का कुछ हिस्सा बचाएंगे। उन्होंने बताया कि इससे खपत में गिरावट का पता चलता है। विरमानी ने कहा कि इतिहास बताता है कि गठबंधन सहयोगी उन राज्यों में निजीकरण को धीमा कर सकते हैं, जहां क्षेत्रीय सहयोगी सत्ता में हैं, लेकिन यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।