सिविल सर्जन डा. मिथिलेश्वर कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद दूसरी बार गुरुवार को सड़क दुर्घटना में घायल युवकों की जान बचा आमजन को मदद के लिए आगे आने का संदेश दिया। सिविल सर्जन दोपहर करीब दो बजे जब कार्यालय लौट रहे थे तो सिंचाई भवन व गर्दनीबाग ब्रिज के पास उन्हें हादसे में गंभीर रूप से घायल दो युवक दिखे। सिर में चोट लगने से दोनों युवक बेहोश थे व सिर से खून निकल रहा था। करीब 50 से अधिक लोग उन्हें घेरे थे पर किसी ने अस्पताल नहीं पहुंचाया।
इस बीच दूसरी लेन पर दानापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने जा रहे सिविल सर्जन भीड़ देखकर रुके। दोनों युवकों की हालत देख तुरंत गर्दनीबाग अस्पताल से एंबुलेंस बुलवाई और दोनों को पीएमसीएच भिजवाया। तुरंत उपचार सुविधा मिल सके इसके लिए उन्होंने पीएमसीएच के अधीक्षक को फोन कर इसकी व्यवस्था कराने का अनुरोध किया। आटो में बैठे अन्य यात्रियों ने बताया कि गर्दनीबाग ब्रिज होकर उनको जाना था तभी तेज रफ्तार हाईवा ने टक्कर मार दी।
मृत समझ दूरी बनाए रहे लोग : डा. मिथिलेश्वर कुमार ने बताया कि जब उन्होंने लोगों से पूछा तो पता चला कि घायल युवक जिंदा है या मृत इसकी जानकारी नहीं होने से एंबुलेंस को फोन नहीं किया। उन्होंने पुलिस को फोन करने की जानकारी दी। इसके बाद डा. मिथिलेश्वर कुमार ने स्थेटेस्कोप व मेडिकल किट लेकर बेहोश दोनों व्यक्ति की जांच की। जांच में जिंदा किंतु गंभीर देखकर प्राथमिक उपचार कर सहयोगी से एंबुलेंस बुलवाने को कहा। उन्होंने सभी को बताया कि यदि ये मृत भी होते तब भी एंबुलेंस को फोन करते। यदि उनकी वजह से किसी की जान बचेगी तो उसके लिए जिला प्रशासन 10 हजार तक का ईनाम भी देता है। बताते चलें कि प्रदेश में लोगों की उदासीनता के कारण सड़क दुर्घटना में घायल 80 प्रतिशत लोगों की मृत्यु समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण हो जाती है। वहीं, सिविल सर्जन शाम करीब पौने चार बजे दानापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां सभी चिकित्सक मौजूद थे, लेकिन 20 से अधिक चिकित्सा व अन्य कर्मी गायब थे। सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।