लोन देने के नाम पर ठगी करने वाले पांच साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन्हें रामकृष्णानगर थानांतर्गत आदर्श कॉलोनी स्थित एक मकान से पकड़ा गया है। पकड़े गये साइबर ठगों में तेलंगाना के महबूबनगर निवासी 2 गुट्टा शिवाकुमार, मारुति, वारला सुधारकर, पी बिक्रम व नालंदा के कतरीसराय के छाछोबीगहा वार्ड नंबर दो निवासी गोपाल कुमार उर्फ राहुल शामिल है।
इनके पास से तीन स्टांप, एक लैपटाप, 13 मोबाइल, संबंधित कंपनी का फर्जी सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज को बरामद किया गया है। दरअसल साइबर थाने की पुलिस को यह सूचना मिली थी कि लोन देने के नाम ठगी करने वाला गिरोह कई लोगों के पैसे उड़ा चुका है। इस खबर के बाद पुलिस ने कई मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। साइबर अपराधियों का लोकेशन रामकृष्णानगर में मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरोह दो निजी फाइनेंस कंपनियों का सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे साइबर ठग साइबर ठग सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने झांसे में लेते थे। विज्ञापन में लोन के लिए संपर्क करने की बात लिखी होती थी। एक मोबाइल नंबर भी ठग जारी करते थे। वह मोबाइल नंबर फ्लैट में कॉल सेंटर चला रहे ठगों का होता था। जैसे ही कोई लोन के लिए उन नंबर पर फोन करता था, ठग रिसीव कर उनसे बातचीत करते थे। फिर लोन खाते में भेजने के पहले उनके वाट्सएप नंबर पर फर्जी कागजात भेजे जाते थे। इसके बाद फीस के नाम पर रुपये ट्रांसफर करवा लेते थे। रुपये जमा करने बाद भी जब लोन नहीं मिलता था और पीड़ित उनसे संपर्क करते थे तो ठग उनके मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर देते थे।
साइबर अपराधियों का यह गिरोह दो हजार से अधिक लोगों से पांच करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। सरगना मुकेश ने अलग-अलग ठिकानों पर ठगी के कॉल सेंटर खोल रखे हैं।’ नाम लेकर लोगों को जाल में फांसता था। छानबीन में पता चला कि इस साइबर गैंग का सरगना मुकेश है। गिरफ्तार गोपाल सरगना मुकेश के लिए काम करता था। सरगना 12वीं पास युवकों की भर्ती साइबर गिरोह में करता था। तेलंगाना के चारों युवकों को शुरुआती दौर में निर्माण कंपनी में काम दिलाने के नाम पर पटना बुलाया गया। फिर उन्हें फ्लैट में रहकर कॉल करने और हर माह 15 से 20 हजार रुपये देने का वायदा सरगना ने किया।